भाजपा का उद्देश्य संविधान को बदलना और आरक्षण को खत्म करना: तिवारी
Lok Sabha Election 2024
कहा: भाजपा के वैचारिक पूर्वजों ने हमेशा संविधान का विरोध किया है
चंडीगढ़, 18 मई: Lok Sabha Election 2024: वरिष्ठ कांग्रेस नेता और चंडीगढ़ से इंडिया गठबंधन के संयुक्त उम्मीदवार मनीष तिवारी ने भारतीय जनता पार्टी द्वारा डॉ. बाबा साहेब अंबेडकर की तरफ से तैयार संविधान को बदलने की साजिश के खिलाफ चेतावनी दी है, क्योंकि इसका अंतिम उद्देश्य आरक्षण को खत्म करना है।
मलोया में एक जनसभा को संबोधित करते हुए, तिवारी ने जिक्र किया कि किस प्रकार अनंत हेगड़े, ज्योति मिर्धा और अन्य भाजपा नेताओं ने बार-बार कहा है कि एक बार भाजपा को 400 सीटें मिल जाएं, तो वह देश के संविधान को बदल देगी।
वरिष्ठ कांग्रेस नेता ने कहा कि डॉ. अंबेडकर के संविधान के प्रति घृणा भाजपा के डीएनए में गहराई से समाहित है। उन्होंने कहा कि न केवल भाजपा के आधुनिक नेता, बल्कि उनके वैचारिक पूर्वजों ने हमेशा संविधान का विरोध किया है और संविधान सभा की कार्यवाही को भी बाधित किया था।
उन्होंने कहा कि आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत ने भी आरक्षण को खत्म करने का सुझाव दिया था।
तिवारी ने आरोप लगाया कि भाजपा देश में लोकतंत्र नहीं, बल्कि तानाशाही और निरंकुशता चाहती है, जिसका प्रदर्शन वह पिछले दस सालों से कर रही है। उन्होंने पार्टी को उस फिल्म को पूरा करने से रोकने की चेतावनी दी, जिसकी पटकथा बहुत पहले नागपुर स्थित आरएसएस मुख्यालय में तैयार की गई थी।
उन्होंने चेतावनी दी कि आरक्षण ही नहीं, अगर संविधान को बदला गया, तो उसके साथ ही सभी तरह की स्वतंत्रताएं भी खत्म हो जाएंगी, जिनकी कल्पना करना अभी मुश्किल होगा। क्योंकि लोगों ने ऐसी स्वतंत्रताओं को हल्के में लिया है, जो संविधान की बदौलत उन्हें स्वाभाविक रूप से मिली हैं।
उन्होंने जोर देते हुए कहा कि हमें बुराई को जड़ से खत्म करना चाहिए, कहीं ऐसा न हो कि बहुत देर हो जाए। उन्होंने कहा कि अगर संविधान खत्म हो जाएगा, तभी लोगों को एहसास होगा कि क्या हुआ है और तब तक बहुत देर हो चुकी होगी।
तिवारी ने लोगों को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के झूठे आश्वासनों से गुमराह न होने की चेतावनी दी कि संविधान में बदलाव नहीं किया जाएगा। उन्होंने चेतावनी देते हुए कहा कि कभी भी इनके इरादों पर भरोसा न करें, क्योंकि ये अभी कुछ कहेंगे और सत्ता में आने पर कुछ और करेंगे। उन्होंने कहा कि न तो भाजपा और न ही मोदी ने उन नेताओं के खिलाफ कोई कार्रवाई की है, जिन्होंने सार्वजनिक रूप से संविधान को बदलने की मांग की है।